निशा कोठारी ने रामू का साथ इसलिए पसंद किया था क्योंकि उसे उम्मीद थी कि रामू के जरिए वह बॉलीवुड में अपनी विशेष जगह बनाने में कामयाब होगी। प्रतिभाहीन होने के बावजूद रामगोपाल वर्मा ने निशा को अपनी ढेर सारी फिल्मों में अवसर दिए।
कुछ फिल्मों में जबरदस्ती उसके आयटम सांग ठूँसे, लेकिन सभी फिल्में पिट गईं। निशा और रामू के संबंधों को लेकर भी अफवाहों का दौर चलता रहा। निशा ने यह सब सहन किया क्योंकि उसे रामू पर भरोसा था।
‘रामगोपाल वर्मा की आग’ में निशा को रामू ने वो भूमिका सौंपी जो हेमा मालिनी ने ‘शोले’ में निभाई थी। इस फिल्म के लिए रामू की इतनी आलोचना हुई कि उन्हें मुँह छिपाने की जगह नहीं मिल रही है, ऐसे में भला वे निशा को कैसे बचाते?
निशा भी समझ गई कि रामू के साथ खड़े रहने से उसे फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ है। उसने अपना नाम बदल प्रियंका कर लिया है और रामू का साथ भी छोड़ दिया है। वह नए सिरे से शुरूआत करना चाहती है। इस बार वह सुभाष घई कैम्प में घुसना चाहती है। पिछले दिनों उसे सुभाष घई के साथ भी देखा गया। क्या घई इस फ्लॉप अभिनेत्री को एक और अवसर देंगे? क्या वे उसके गॉडफादर बनेंगें? यह सवाल सभी पूछ रहे हैं।
कुछ फिल्मों में जबरदस्ती उसके आयटम सांग ठूँसे, लेकिन सभी फिल्में पिट गईं। निशा और रामू के संबंधों को लेकर भी अफवाहों का दौर चलता रहा। निशा ने यह सब सहन किया क्योंकि उसे रामू पर भरोसा था।
‘रामगोपाल वर्मा की आग’ में निशा को रामू ने वो भूमिका सौंपी जो हेमा मालिनी ने ‘शोले’ में निभाई थी। इस फिल्म के लिए रामू की इतनी आलोचना हुई कि उन्हें मुँह छिपाने की जगह नहीं मिल रही है, ऐसे में भला वे निशा को कैसे बचाते?
निशा भी समझ गई कि रामू के साथ खड़े रहने से उसे फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ है। उसने अपना नाम बदल प्रियंका कर लिया है और रामू का साथ भी छोड़ दिया है। वह नए सिरे से शुरूआत करना चाहती है। इस बार वह सुभाष घई कैम्प में घुसना चाहती है। पिछले दिनों उसे सुभाष घई के साथ भी देखा गया। क्या घई इस फ्लॉप अभिनेत्री को एक और अवसर देंगे? क्या वे उसके गॉडफादर बनेंगें? यह सवाल सभी पूछ रहे हैं।
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