नीली आँखों में नई दुनिया का सपना संजोए हुए ऐश्वर्या राय, आक्सफोर्ड के एक रेस्तराँ में रात्रिभोज का आनंद लेतीं मल्लिका शेरावत और मोसेर बियर की सीडी की पृष्ठभूमि में 'भारत उदय की झलक' यह है चित्रकार इकबाल ज्योफ्रे की कल्पना से उपजे कोलाज, जिनकी थीम 'मूविंग अहेड' है।ब्रिटेन में रह रहे ब्रिटिश पाकिस्तानी इकबाल के बनाए हुए कोलाज नेशनल गैलरी ऑफ आर्ट में प्रदर्शित किए गए हैं। इकबाल ज्योफ्रे ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है। लंदन की हेवार्ड गैलरी से उनके कुछ कोलाज गुम हो गए थे। इससे अपनी प्रदर्शनी को हुए नुकसान के एवज में हेवार्ड गैलरी पर इकबाल ने 6.5 करोड़ पाउंड का दावा ठोंका है।'मूविंग अहेड' थीम पर इकबाल ने जो कोलाज बनाए हैं, उनमें ऐश्वर्या राय को 'उमराव जान' की वेशभूषा में, आधुनिक दुनिया का सपना देखते हुए मल्लिका को ऑक्सफोर्ड के एक रेस्तराँ में तथा मोहतरमा मार्लिन मुनरो को मुसलमानों को ईद की शुभकामनाएँ देते हुए दिखाया गया है।पेशे से वकील इकबाल उन दिनों सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने न्यूयॉर्क में सीआईए के दो कर्मचारियों को गोली मारने के दोषी मीर ऐमल कासी के पक्ष में मुकदमा लड़ा था। पाकिस्तानी नागरिक कासी को मृत्युदंड दे दिया गया था। इकबाल के कोलाज में अब बुश भी नजर आते हैं। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति को ओसामा बिन लादेन की तरह कपड़े पहनकर मस्जिद की पृष्ठभूमि में नमाज पढ़ते दिखाया गया है।जाने-माने चित्रकार और क्यूरेटर कुद्दूस मिर्जा कहते हैं कि इकबाल ने जो उपनाम रखा है, वह परंपरागत उपनाम जाफरी को तोड़-मरोड़कर बनाया गया है। उनका उपनाम उनके पूरे व्यक्तित्व को दर्शाता है। यानी इकबाल पूर्व से और ज्योफ्रे पश्चिम से। उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप को अनोखे रूप में पेश करने की आदत उनकी कला में भी झलकती है, जिसमें उन्होंने विरोधाभासों को मिलाकर एक रूप देने का व्यापक और खूबसूरत प्रयास किया है। इकबाल ने ऐश्वर्या और मल्लिका से पहले माधुरी दीक्षित को अपने कोलाज में पेश किया था। हाल ही में उन्होंने लारा दत्ता को कोलाज में पेश किया है।
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