पैसा कमाने की नीयत
‘नया दौर’ और ‘मुगल-ए-आजम’ जैसी फिल्मों को रंगीन कर प्रदर्शित किया गया। यह देखते हुए संक्रांति क्रिएशन ने ‘पाथेर पांचाली’ को रंगीन करने का एक प्रस्ताव पश्चिम बंगाल सरकार को भेजा है क्योंकि फिल्म के अधिकार उसी के पास हैं। इस कंपनी ने एक मिनट का डेमो भी तैयार किया है। सत्तर लोगों की टीम इस वर्ष के अंत तक इस फिल्म को रंगीन बना देगी। संक्रांति क्रिएशन के अधिकारियों का कहना है कि इससे इस फिल्म का महत्व और बढ़ जाएगा, जबकि इसके पीछे पैसा कमाने की साजिश साफ नजर आ रही है। उनके मुताबिक सत्यजीत रे के बेटे संदीप रे ने भी इसकी इजाजत दे दी है, लेकिन संदीप रे ने जोरदार शब्दों में इसका खंडन किया है। संदीप का कहना है कि उनके नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है।
जबर्दस्त विरोध
इस कालजयी फिल्म को रंगीन करने का विरोध शुरू हो गया है। हाल ही में एक सर्वे किया गया जिसमें 96 प्रतिशत लोगों ने इस विचार को बेहूदा बताया। कोलकाता स्थित सत्यजीत रे सोसायटी के सीईओ अरुप डे ने इसकी निंदा की है। बंगला फिल्मों के अनेक निर्देशकों ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वे सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज करवाएँगे और किसी भी हालत में इस फिल्म के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।
(कर्टेसी: वेब दुनिया)
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