Friday, October 19, 2007

ऎक खूब सूरत प्ऱेम कहानी "सावारिया" कॆ बारॆमॆ चोटीसी बात और वाल पेपर्स

क्या भाय् मै क्या कहू
मगर मै मॆरी प्रॆम कहानी सुनाना चाह्ताहू..!
यॆ दिल है ना
यॆ मॆरी बात् नही सुन्री !
मै उस् कॆ पास् जाना चाह्ताहू
मगर् नही गासखा !
मै उस् सॆ बात् कर्ना चाह्ताहू
यॆक् प्रॆम् प‌त्र् लिख्ना चाह्ताहू
म‌ग‌र् न‌ही लिख्स‌खा !
मै उस् कॆ लियॆ कुच् क‌र्ना चाह्ताहू
म‌ग‌र् कुच् बी न‌ क‌र् स‌खा...न‌ही.. न‌ही ऎक् बात् क‌र् स‌खा है!
वो मै उस् सॆ प्यार् किया ना ओयी !
मॆरी दिल्मॆ कुच् कुच् हो रही है
मै मॆरी प्रॆम् कहानी आप् को दिखाना चाह्तअ हू !!
जऊर् आऒगी ना ...!!
न‌व‌म्ब‌र् नौ तारेख् कॊ आप् कॆ लिये थियेटर् कॆ अम्दर् वॆयिट् कर्ताहू!




श्रीवॆंकट बुलॆमोनि

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